{NEWS} सड़क हादसों से कितना सबक ले रहे है ?

सड़क हादसों से कितना सबक ले रहे है ?

मुसापिफर देहलवी


कहने के लिए राजधनी दिल्ली मैट्रो रेल तथा फ्रलाई ओवरों की नगरी बन गई है उसी के साथ दिल्ली भी सड़कों पर एलिवेटिड रोड के साथ लम्बे चौड़े घुमावदार रोड के कारण दिल्ली एक आध्ुनिक शहरों की श्रेणी में तेजी से जो बदलाव आया उसकी प्रगति ने आज विदेशों में अपना नाम अर्जित कर लिया है।
इसके लिए जहां पहले जापान, यूरोप तथा अन्य प्रगतिशील देशों को जाना जाता है लेकिन अब दिल्ली की प्रगति और विकास कार्यों को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि हमने सड़क मार्ग और रेलमार्ग के यातायात को भी कापफी सुगम और नजदीक बना लिया है, जिसमें इन एलीवेटिड शेडों के कारण लम्बी दूरी की भागमभाग से निजात ही नहीं मिली बल्कि जाम जैसी समस्याओं से भी किसी हद तक निजात मिली है, इसी के साथ समय की बर्बादी भी कम हुई है।

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हालांकि इन लम्बे चौड़े रोड व फ्रलाई ओवरों पर दौड़ते वाहनों की संख्या में भी कापफी इजापफा हुआ है और इन सड़कों पर चलने वाले वाहन चालक भले ही विदेशी दर्ज पर बने फ्रलाई ओवरों पर वाहन चलाकर अपने आपको भले ही तेज रफ्रतारी की दौड़ में अपना स्थान प्रथम नंबर पर अंकित करवा चुका है। लेकिन इन खतरनाक रास्तों पर चलने और गाड़ी के नियंत्राण करने का तौर तरीका अभी भी नहीं आया है जबकि इन रोडों पर चलने वाले वाहन अध्किंश दूर दराज के क्षेत्रों सहित एन.सी.आर. आदि में दौड़ लगाते दिखाई पड़ते है, उसमें लिखी गई गति सीमा के साथ उल्लंघन करते हुए उन तमाम चालकों को देखा जा सकता है जो लंबी दूरी की यात्रा करते हुए तेज रफ्रतार से गाड़ियों को चला रहे होते हैं, इसमें अध्कितर ट्रक माल वाहक, गाड़िया, बसें और निजी कारों के चालक अधिकतर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए या नियमानुसार नहीं चलाते।


उनमें अध्कितर युवापीढ़ी के वह नौजवान शामिल है जो नई नई महंगी कारों द्वारा अपनी तेज रफ्रतारी का प्रदर्शन कर अपनी शान और अमीरी का प्रदर्शन करते है। इसी के साथ उन युवा पीढ़ी की युवतियों को भी देखा जा सकता है जो बिना लाईसेंस के गाड़ी का सपफर तय करती है और सड़क पर बिना सोचे समझे बेतरतीबी से गाड़ी चलाती है। जिससे आम व्यक्ति जो नियम के अनुसार अपना वाहन चला रहा हो वह उनकी चपेट में आकर दुर्घटना का शिकार हो जाता है जिसका खामियाजा उसके परिवार को भुगताना पड़ता है। इसके साथ ही दुर्घटना के बाद अनेकों परेशानियां बढ़ती है सो इसका अनुमान सहजता से नहीं लगाया जा सकता। हालांकि यातायात के नियम कापफी कड़े कर दिए है और यातायात विभाग अपनी ओर से उनके लिए प्रयत्नशील है। उसके लिए दिशा निर्देश भी बनाए गए है लेकिन उसके बावजूद भी तेजी से बढ़ती यातायात दुर्घटनाएंइस बात का परिचायक है इतनी सुविध बढ़ जाने के बाद भी वाहन चालक आज भी इन दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक नहीं है, क्योंकि पिछले दिनों इंदिरा गांध्ी स्टेडियम के समीप रिंग रोड पर एक ट्रक ड्राईवर की लापरवाही के कारण एक बहुत बड़ा हादसा हुआ जिसके पफलस्वरूप ट्रक ड्राईवर सहित क्लीनर व अन्य चार सवार व्यक्तियों के भी ट्रक पलटने की वजह से अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी।

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सूत्रों के अनुसार मालूम हुआ ट्रक ड्राईवर को सुबह तीन बजे नींद की झपकी के कारण एलीवेटिड रोड पर अचानक संतुलन खो जाने से जान से हाथ धेना पड़ा। शेष को घायल अवस्था में अस्पताल में दाखिल होना पड़ा। यह तमाम घटनाए रोड की तेज रफ्रतारी और लापरवाही का परिणाम कही जा सकती है। जिसके लिए यातायात विभाग हर बार अपनी और से नई चेतावनी द्वारा लोगों को अवगत कराता रहता है, लेकिन लोग इसकी परवाह न करते हुए वाहन चलाते है और रास्ते में अपने आपको खतरे में डालते हुए गंतव्य स्थान पर पहुंचते है, जो अत्यंत ही परेशानी का कारण बनते है।
कहने के लिए लोगों की सुविधओं के अनुरूप स्थान स्थान पर चैक पोस्ट व ट्रैपिफक पेट्रोल की गश्त लंबी चौड़ी सड़कों की बराबर निगरानी करती है, लेकिन रात्रि के तीन बजे से लेकर सुबह पांच बजे के बीच जो एक्सीडेंट होते है वह बहुत ही खतरनाक साबित होते है उसमें जान व माल की क्षति होती है सो अलग।
इसके बचाव हेतु यातायात के अनेकों नियम बने हुए है और इसके कड़े नियमों के बावजूद भी अगर इस तरह के हादसे होते हैं तो यह कापफी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ही कही जाएगी। जिसके लिए चालक के लिए सावधनी और जागरूकता की आवश्यकता है। क्योंकि वाहन चलाते समय अनावश्यक तेज रफ्रतार और तय गति सीमा से अध्कि गाड़ी चलाना अनेकों परेशानियों को दावत देता है। जबसे दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स आरंभ हुए तभी से राजधनी में अनेकों स्थानों पर फ्रलाई आवेर ऐलीवेटिड रोड यमुना मार्ग और अंडरपास रोडो की भरभार दिखाई देती है जिसमें दिल्ली की सड़कों तथा फ्रलाई ओवरों के जाल में घिरी दिखाई देती है, यह एक आधुनिकता और हमारी प्रगति की मिसाल भी कही जाती है वैसे भी जबसे राजधनी के चारों ओर एलीवेटिड रोड और अंडरपास के अतिरिक्त फ्रलाई ओवरों की संख्या बढ़ी है तभी से रास्ते सुगम और यातायात की भीड़ से कापफी राहत मिली है, जिसमें बाहरी दिल्ली आनंद विहार, बवाना क्षेत्रा रोहिणी और इनके आसपास सड़क निर्माण का कार्य जारी है सपफदरजंग चौराहा, जी.टी. करनाल रोड बाईपास तथा कापसहेडा, पालक आदि में इनके निर्माण से कापफी उन्नति की तस्वीर दिखाई देती है।

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परंतु इन पर चलने वाले वाहनों की आए दिन होती दुर्घटनाएं अब लोगों के वास्ते चिंता का कारणबनी हुई है, क्योंकि इन रास्तो पर अधिकांश चालक अपनी नई कार शैली व टेडे मेड़े रास्तों की वजह से अपनी गाड़ियों का नियंत्राण खोते हुए दिखाई पड़ते है, जबकि दिल्ली में चलने वाले वाहन यहां तेज रफ्रतार के कारण दुर्घटना का कारण बनते जा रहे है, लेकिन बाहर से आने वाले भारी सामान ढोने वाले ट्रकों की संख्या जो अध्कि होती है वह भी रात के तीन बजे के बाद सुबह पांच बजे के बीच इन मोड पर अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है, कुछ लोगों का मानना है कि बाहर से आने वाले तेज और भारी वाहनों के चालक या तो नींद आ जाने या पिफर शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से इन हादसों का शिकार बनते है।


इनके लिए यातायात के नियमों में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के लिए चालान आदि का प्रावधन है लेकिन रात के वक्त अकसर गाड़ी चलाते हुए चालक का नींद में झपकी आ जाना कोई नई बात नही है। उसके लिए भी यातायात नियमों का विशेष प्रावधन होना चाहिए कि रात्रि के समय 2 बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक लम्बी रूट की गाड़ियों व ट्रकों पर पाबंदी होनी चाहिए कि कोई भी चालक रात्रि में गाड़ी चलाते हुए सोए नहीं। या पिफर वह गाड़ी ही न चलाए ताकि रात्रि में अकस्मात नींद आ जाने से लोगों की जान व माल दोनों ही दुर्घटना का शिकार होने से बच सकते है।

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हालांकि यह नियम शायद बहुत से वाहन चालकों को पसंद नहीं आए, क्योंकि बहुत से अनुभवी चालक जो लम्बे रूट पर रात्रि में ही वाहन तेज रफ्रतार से चलाते है। परंतु एक कहावत है समझदार नाविक कभी कभी तेज तूपफान में आने से पहले ही डूब जाता है। क्योंकि दुर्घटना कभी कह कर नहीं आती और न ही अनहोनी का किसी को आभास होता है। परंतु रात्रि में वाहन न चलाने से कापफी हद तक बड़ी दुर्घटना से बचाव हो सकता है। जो स्वास्थ और सुरक्षा दोनों ही तरपफ से वाहन चालक के लिए एक कवच का कार्य करेगा और इसके द्वारा वह चुस्त दुरस्त भी रहेगा। वाहन चलाते समय नींद का आना एक स्वाभाविक प्रव्रिफया है और इसका उपाय यही है कि वाहन चलाते समय वाहन चालक को नींद आने की दिशा में गाड़ी रोक कर नींद की खुमारी उतार लेनी चाहिए ताकि वह लम्बी यात्रा की थकान के कारण किसी बड़ी दुर्घटना के ग्रास से बच जाए और उसकी यात्रा भी सुरक्षा के तहत सही हो।
इसके लिए कुछ यातायात के नियमों में भी बदलाव लाए जा सकते है।

एलीवेटिड रोड व राष्ट्रीय मार्गो पर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर पाबंदी हो, रात्रि में गाड़ी की गति सीमा तयशुदा गति के नियमों या उससे कम ही गति में चलने से कापफी हद तक इन बड़े हादसों से बचा जा सकता है, जिसके लिए वाहन चालकों को जागरूक होना पड़ेगा। ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित रहे, उनका जीवन लम्बा हो।




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